दर्द-ए-दिल by
अमर सिंह
किताब के बारे में...
वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में एक पल ऐसा भी आता है जब व्यक्ति अकेला बैठकर कुछ क्षण अपने आप से मिलता है, खुद से बातें करता है। जब मन एक अजीब सी उदासी से गुजरता हुआ, किसी ऐसे की चाहत करता है, जो सदा से उसका है, जिसकी अनुभूति में दर्द भी है, विरह भी है और कभी खत्म न होने वाली एक प्यास.... इसी भावो को इस पुस्तक में पिरोया गया है।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
https://hindi.shabd.in/dard-e-dil-amar-singh/book/10102227
https://shabd.in/
अमर सिंह
किताब के बारे में...
वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में एक पल ऐसा भी आता है जब व्यक्ति अकेला बैठकर कुछ क्षण अपने आप से मिलता है, खुद से बातें करता है। जब मन एक अजीब सी उदासी से गुजरता हुआ, किसी ऐसे की चाहत करता है, जो सदा से उसका है, जिसकी अनुभूति में दर्द भी है, विरह भी है और कभी खत्म न होने वाली एक प्यास.... इसी भावो को इस पुस्तक में पिरोया गया है।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
https://hindi.shabd.in/dard-e-dil-amar-singh/book/10102227
https://shabd.in/